GETTING MY SHIV CHAISA TO WORK

Getting My Shiv chaisa To Work

Getting My Shiv chaisa To Work

Blog Article

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

जो यह more info पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

पण्डित त्रयोदशी को shiv chalisa lyricsl लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

Report this page